लगता है किसी जमाने में खूबसूरत लड़कियों को देखकर सीटियां मारना मुलायम का शौक रहा है तभी नेताजी को लगता है कि महिला आरक्षण के बाद संसद में ऐसी महिलाएं आएंगी जिन्हें देखकर लोग (जाहिर है बात संसद की हो रही है तो सांसद) सीटी बजाएंगे। एक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय सरकार में देश की रक्षा की जिम्मेदारी संभाल चुके मुलायम सिंह यादव सरीखे नेता के इस आपत्तिजनक बयान को सुनकर सबसे पहले एक ही सवाल जेहन में आया । क्या थोड़े दिनों पहले तक फिरोजाबाद के गली कूचे में घूम घूमकर लोगों से वोट मांगता पूरा यादव परिवार अपनी बहू डिंपल यादव को इसीलिए संसद तक पहुंचाने का ख्वाब देख रहा था कि बहू संसद तक पहुंच जाए और लोग उसे देखकर सीटियां मारें या फिर फिरोजाबाद की सांसदी, राज बब्बर से 85000 वोटों से हारने के बाद यादव परिवार ने घर में खुशियां मनाईं होंगी कि चलो अब न तो बहू डिंपल संसद तक पहुंचेगी और ना ही कोई उसे सीटियां मारेगा, अच्छा हुआ घर की इज्जत घर में ही रह गई ।
वाकई शर्म आती है इस देश के मुलायम सरीखे नेताओं पर , रोना आता है इनकी राजनीति पर और अफसोस होता है इनकी उस सोच पर जो विकास के पथ पर सरपट दौड़ते देश की टांगे खींचकर उसे पीछे ले जाने पर तुली है । मुलायम के कद के किसी भी नेता ने इस देश में आज तक सार्वजनिक मंच से महिलाओं की इतनी बेइज्जती इससे पहले कभी नहीं की । और इसमें कोई शक नहीं कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये बयान देते हुए मुलायम के कठोर मन में मुस्लिम और पिछड़ों के वोट बैंक के अलावा और कुछ नहीं घूम रहा था । वैसे अच्छा ही है जो खुद को महिला विरोधी कहने से बिदकने वाले मुलायम ने अपना असली चेहरा दुनिया को दिखा दिया.... द्रौपदी को नारी शक्ति का पर्याय बताने वाले प्रख्यात समाजवादी राम मनोहर लोहिया आज होते तो रो रहे होते अपने इस समाजवादी चेले की सोच पर, खास बात ये है कि मुलायम ने ये शर्मनाक बयान लखनऊ में इन्हीं डा.लोहिया की सौंवी जयंती के मौके पर दिया जिन्हें वो अपना पुरोधा बताते हुए राजनीति करते हैं लेकिन अस्ल में उनके विचारों को कबका दफना चुके हैं ।
मुलायम कहते हैं अगर महिला आरक्षण लागू हो गया तो महिलाएं चुन कर आएंगी उद्योगपतियों और बड़े अफसरों की और संसद में लड़के उन्हें देखकर सीटियां बजाएंगे । कोई समझाए इन्हें कि आखिर 33 फीसदी आरक्षण मिलने के बाद इन्हें अपनी पार्टी में गरीब गुरबा पिछड़ी महिलाओं को टिकट देने से रोका किसने है जो आरक्षण के नाम से बिलबिलाकर , तमाम मर्यादाओं को लांघते हुए वो ऐसा बयान दे रहे हैं वो भी उस दौर में जब मौजूदा 15 वीं लोकसभा में देश के लोगों ने 59 महिला सांसदों को संसद में अपनी नुमाइंदगी का हक दिया है । क्या मुलायम सिंह यादव अपने इस शर्मनाक बयान के बाद इन 59 महिला सांसदों में से अपनी पार्टी की 4 सांसदों की भी आंखों में आंखे डालकर देखने की कुवत रख पाएंगे , क्या वो उनसे पूछने की हिम्मत कर पाएंगे कि अब तक कितनी बार संसद के अंदर उन्हें सांसदों ने सीटियां मारी हैं ।
नेता जी जागिए और समाजवाद की आड़ में सिर्फ मुसलमानों और पिछड़ों की राजनीति करना बंद कीजिए क्योंकि अब देश की जनता इस तरह की ओछी राजनीति से बाज आना चाहती है। हाज़में की गोली खाइए और इस सच्चाई को हज़म कीजिए कि आपके और आप जैसे चंद नेताओं की नौटंकी के बाद भी राज्यसभा में महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में एक तिहाई आऱक्षण मिलने का रास्ता साफ हो चुका है और वो दिन दूर नहीं जब देश की जनता 180 महिलाओं को अपना सरपरस्त चुनकर लोकसभा तक पहुंचाने वाली है । वाकई इंतेजार रहेगा उस दिन का क्योंकि वो दिन महिलाओं को हमेशा दबा कर रखने वाली इस पुरूषवादी सोच पर सबसे बड़ा तमाचा होगा..आमीन
7 comments:
मुलायम हो या लालू ये नेता ऐसे हैं जिनकी मानसिकता आज भी काफी पिछड़ी हुई है। इनमें इनका ज्यादा दोष नहीं है क्योंकि ये उस समाज से आते हैं जहां महिलाओं को उसी नजर से देखा जाता है जो मुलायम के बयान में नजर आ रहा है।
sahI baat kahi hai. is baar aapse sahmat.
such a nice article, aapne mulayam ki pole khol dee
असलियत ज़्यादा दिन छुपती नहीं .......थोडा देर सही लेकिन सामने तो आई .........बहुत बढ़िया लेख .......इसी तरह समाज को अवगत कराते रहिये अपने विचारों द्वारा .......बहुत बहुत आभार ........और जनदुनिया साहब ....ये ''राजनीति के बुलबुले'' की तुलना किसी समाज से मत करिये ...क्यूंकि भारत देश में महिलायों का सम्मान प्रत्येक समाज में सर्वोपरि ....
saTik!
hi,im rishabh working with IBN7 at kanpur,today akhilesh yadav visited to kanpur.I ASKED ABOUT HIS REACTION ON D STATEMENT OF MULAYAM HE REPLIED 'SAB MEDIA KA KAMAAL HAI'
A very nice article...politicians like these will never let the country grow...m sure mulayam singh has whistled at a lot of women many times...he doesnt deserve to even be talked about
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