Sunday 1 August 2010

राहुल 'पब्लिसिटी' महाजन

उन दिनों बीजेपी मेरी बीट हुआ करती थी, एक प्रोडक्शन हाउस के लिए मैं रिपोर्टिंग करता था। इन्ही दिनों बीजेपी के चाणक्य प्रमोद महाजन को भी कई बार नजदीक से देखने का मौका मिला कई बार पार्टी कार्यालय में या फिर सफदरजंग लेन के उनके बंगले पर। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में प्रमोद महाजन की क्या हैसियत थी किसी से छुपी नहीं...पार्टी के हर फैसलों में उनका दखल होता और सरकार के हर काम उनसे सलाह लिए बिना किए नहीं जाते। बेहद सधा हुआ व्यक्तित्व , दिग्गज राजनेताओं जैसे हावभाव और बोलने में महारत । जमीन से जुड़ा नेता न होने के बावजूद प्रमोद महाजन का पार्टी में कोई सानी नहीं था। हालांकि उस वक्त भी उनकी पर्सनल जिंदगी को लेकर पत्रकार बिरादरी में तरह तरह की चर्चाएं होती रहतीं थीं पर प्रमोद महाजन ऐसी बातों को सौ पर्दों में रखना अच्छी तरह जानते थे। राज़ तो बहुत थे पर उनकी जिंदगी तक वो राज़ ही रहे। ये भी एक संयोग है कि अपने ही भाई के हाथों हत्या के बाद उनकी मौत भी एक ऐसा राज़ बन गई जो कभी दुनिया के सामने नहीं खुल पाएगा।

प्रमोद महाजन की अचानक हत्या और महाजन फैमिली पर टूटा दुखों का पहाड़.....ये वो पल था जब देश ने पहली बार महाजन परिवार के चश्मो चिराग की सूरत देखी, उसे पहचाना। ये वो पल था जब मां रेखा महाजन और बहन पूनम महाजन को राहुल की सबसे ज्यादा जरूरत थी.....पिता की जलती चिता के सामने मां को संभालते, उन्हें दिलासा देते राहुल महाजन को जिसनें भी देखा वो....रो दिया....लोगों को पहली बार पता चला कि प्रमोद महाजन का इतना बड़ा बेटा भी है। साथ ही लगा कि चलो अब पूरे घर की जिम्मेदारी राहुल के कंधों पर होगी। बीजेपी के कुछ नेता तो राहुल महाजन में प्रमोद महाजन का अक्स भी देखने लगे और उन्हें राहुल मे प्रमोद जी का राजनीतिक वारिस नजर आने लगा । पर पिता की अस्थियों को गंगा मय्या की गोद भी नसीब नहीं हुई थी कि राहुल ने अपना असली रूप दुनिया के सामने दिखा दिया। वो ड्रग्स के चंगुल में ऐसा फंसे कि जेल तक जाना पड़ा.....जमानत पर रिहा हुए....तो उन्हें खुद सहारे की जरूरत थी.....मेरे ख्याल से कोई भी भूला नहीं होगा उन तस्वीरों को जिसमें चार पांच पुलिस वाले उन्हें पकड़कर , कंधों से उठाकर कोर्ट से बाहर ला रहे थे।

जिसे प्रमोद जी के जाने के बाद खुद परिवार का सहारा बनना था वो खुद बेसहारा था। और ऐसे मुश्किल वक्त में उनका सहारा बनीं श्वेता सिंह। राहुल का पहला प्यार और उनके बचपन की दोस्त श्वेता। राहुल और श्वेता दोनों ने जेट एयरवेज में पायलट के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। दरअसल प्रमोद महाजन की भी ये दिली इच्छा थी कि श्वेता उनके घर की बहू बने । सो राहुल की आदतों के बारे में सब कुछ जानते हुए भी श्वेता ने अपने दिल की आवाज सुनी....और राहुल से शादी कर ली। खुद श्वेता ने एक बार कहा था कि उस वक्त हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे जिन्हें मैं इग्नोर नहीं कर पाई वही किया जो दिल ने कहा....

पर अफसोस मुश्किल वक्त में खुद का सहारा बनने वाले अपने इस हमसफर को भी राहुल ने वो दर्द दिए कि रिश्तों का सारी डोर टूट गई...शादी के एक साल 4 महीने ही बीते थे कि एक अखबार में छपी चंद तस्वीरों ने एक बाऱ फिर महाजन परिवार के इस लाडले की पर्सनल जिंदगी को सड़क पर ला दिया। अपने पति के जुल्म के बाद चोटें दिखातीं श्वेता की तस्वीरों को देखने के बाद कुछ कहने सुनने के लिए बचा नहीं......हवा में श्वेता के साथ प्लेन संभालने वाले राहुल अपनी पहली शादीशुदा जिंदगी के ठहराव को संभाल नहीं सके... खबर ये भी आई कि बॉलीवुड की एक अभिनेत्री के साथ राहुल महाजन का रिश्ता इस शादी पर भारी पड़ा। हर तरफ चर्चे होने लगे राहुल की रंगीन मिज़ाजी के , मीडिया की नजर में प्रमोद महाजन का वारिस अब राहुल महाजन से रंगीला राहुल बन चुका था। श्वेता ने तलाक की अर्जी दाखिल की । राहुल भी तलाक लेना चाहते थे..इसलिए कोई परेशानी नहीं आई और दोनों का तलाक हो गया....और इस तरह से राहुल की रंगीली दुनिया और उनके बुरे बर्ताव ने उनका पहला प्यार उनसे छीन लिया....और पुरानी दोस्त श्वेता के साथ उनकी पहली शादी नाकाम हो गई....

इस बीच एक काम और हुआ था इतने दिनों तक गलत कारणों से ही सही मीडिया में छाए रहने के बाद राहुल महाजन एक जाना पहचाना चेहरा बन चुके थे , लोग उन्हें जानने लगे थे सो उन्हें मौका मिला बिग बॉस 2 में एक कंटेस्टेंट के तौर पर, लेकिन यहां भी राहुल ने प्रमोद महाजन की जिंदगी भर की कमाई इज्जत में पलीता लगाने में कोई कसर छोड़ी नहीं। कभी मोनिका से इश्क लड़ाया तो कभी पायल रोहतगी का मसाज करते नजर आए। कभी पूल में तो कभी आधी रात को लड़कियों के कमरे के अंदर। हर किसी को बता दिया कि राहुल किस चिड़िया का नाम है, एक दो कॉमेडी शोज जज करने के बाद टीवी पर चले महीने भर के ड्रामे, माफ कीजिएगा रिऐलिटी शो के बाद कोलकाता की मॉडल डिंपी से शादी भी टीवी पर ही रचा ली । उऩ दिनो राहुल से एक बार मेरी बात हुई तो वो इसी बात पर जोर देते रहे कि इस बार शादी सात जन्मों के लिए कर रहा हूं, सीरियस हूं , अब आप टीवी वालों को कुछ कहने का कोई मौका नहीं दूंगा। पर देखिए पांच महीने भी नहीं गुजरे की एक बार फिर घर की लड़ाई सड़कों पर, एक बार फिर पत्नी डिंपी, श्वेता की तर्ज पर अखबार वालों को उनकी दीं चोटें गिनाती फिर रही हैं और पायल जैसी हसीनाओं से अफेयर के चर्चे मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं।

वाकई आज हैरत होती है देखकर कि राहुल उसी प्रमोद महाजन के बेटे हैं जिन्होंने हर पल मीडिया के बीच रहकर भी कभी अपनी व्यक्तिगत बातों को पब्लिक नहीं होने दिया । राहुल के ये रंग देखकर मुमकिन है बहुत लोग उनकी परवरिश पर भी सवाल खड़े करते हों । पर राहुल को इन सब बातों से शायद कोई फर्क नहीं पड़ता, अपने पिता की कमाई जिंदगी भऱ की इजज्त , वो शोहरत शायद उनके लिए कोई मायने नहीं रखती। पिता की कमाई दौलत को खर्च करने के अलावा उनके पास बस एक ही काम है पब्लिसिटी हासिल करना। और राहुल इसके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं , ये सोचकर कि बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा। प्रमोद महाजन आज जिंदा होते तो रो रहे होते अपने इस सपूत की कारस्तानियों पर.......कम से कम मुझे तो यही लगता है।