Tuesday 7 September 2010

सूरज पर इंसान ?

सूरज का हमला....सुनकर ही दिल खौफ से भर जाता है....कुछ दिनों पहले अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने दुनिय़ा को धरती पर आने वाले इस खतरे की जानकारी देकर चौंका दिया....सवाल उठे , कैसे रोंकेगे वैज्ञानिक इसे.....क्या वाकई 10 करोड़ हाइड्रोजन बमों के बराबर का तूफान हमारी इस खूबसूरत दुनिया को खत्म कर देगा.....या फिर इसे रोका भी जा सकता है....आखिर कैसे किया जाएगा सूरज पर कब्जा....चांद पर पहुंच चुका है इंसान....मंगल पर हो रही है जिंदगी तलाशने की कोशिश ....लेकिन कैसे पहुंचा जाए इस धधकते हुए सूरज तक.....जिसकी गर्मी लाखों किलोमीटर दूर तक सबकुछ जला कर खाक करने का माद्दा रखती है...जिससे आने वाला तूफान धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है....कैसे करे कोई हिमाकत आग के इस कुदरती गोले के नजदीक पहुंच कर मंडराने की.......उसे जांचने की...उसे परखने की......लेकिन इस बार वैज्ञानिकों ने हिम्मत कर ली है.....नासा के वैज्ञानिक अब सूरज की आंखों में आंखे डालकर देखने जा रहे हैं....और इस महत्वाकांक्षी मिशन को नाम दिया गया है सोलर प्रोब प्लस

जी हां सोलर प्रोब प्लस....नासा का ये वो मिशन है जिसके बारे में दुनिया भर के वैज्ञानिक अभी सिर्फ और सिर्फ कल्पना ही कर पाए हैं.....लेकिन अब होने जा रहा है ये ख्वाब साकार......नासा के वैज्ञानिकों ने शुरू कर दी है इस मिशन के जरिए कोशिश आग उगलते सूरज के बेहद नजदीक पहुंचने की। तैयारी पूरी हो चुकी है.....हमारे सौरमंडल और सूरज से जुड़े हजारों रहस्यों को सुलझाने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा पहली बार सूर्य के वायुमंडल के अंदर सीधे एक अंतरिक्ष यान भेजने जा रहा है......जरा सोचिए आग से लपलपाते सूरज के वायुमंडल में इंसानी ताकत का मुजाहिरा करता एक अंतरिक्ष यान.....लेकिन क्या ये इतना आसान होगा...जवाब है नहीं.....ये बहुत मुश्किल है.....क्योंकि इस अंतरिक्ष यान को आग उगलते सूरज के बेहद करीब उससे सिर्फ चार लाख मील की दूरी तक पहुंचना है.....जी हां सिर्फ इस लिए लगा रहा हूं क्योंकि आपको हमको ये दूरी शायद बहुत लगे.....लेकिन आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि सूरज से चार लाख मील दूर भी उसकी गर्मी किस कहर बनकर टूटती है....बड़े से बड़ा अंतरिक्ष यान भी यहां एक सेंकेड भी टिक नहीं सकता....क्योंकि ये गर्मी पल भर में सब कुछ खाक कर देती है....तो फिर क्या होगा नासा के मिशन सोलर प्रोब प्लस का...

जी हां इस मिशन की तैयारी में जुटे वैज्ञानिकों के लिए भी ये सबसे बड़ा सवाल था और इसीलिए नासा के इस अंतरिक्ष यान को सूर्य के वायुमंडल में पहुंचकर भी अपना वजूद बरकरार रखने के लिए खास तरह से तैयार किया गया है। अंतरिक्ष यान की ऊपरी परत को खासतौर पर एंटी टेंपेरेचर टेक्नॉलजी से बने कार्बन से बनाया गया है जो सूरज के गर्म शोलों से उसकी हिफाजत करेगा....और 1400 डिग्री के भयानक तापमान और जबरदस्त भीषण रेडियोधर्मिता को झेलेगा....नासा का ये मिशन साल 2018 तक सूरज पर भेजे जाने की उम्मीद है....पूरे ब्रह्मामांड में ये पहला मौका होगा जब कोई अंतरिक्ष यान सूरज के इतने नजदीक पहुंचेगा....इतने नजदीक कि यान में लगे टेलिस्कोप सूरज की 3 डी तस्वीरें उतार पाने में सक्षम होंगे.....जब सूरज के शोलों की जबरदस्त गर्मी यान के एंटीना से टकराएगी तो उसका हाइवोल्टेज यान में रिकॉर्ड हो जाएगा....और वैज्ञानिक सूरज के हमले के खतरे की ताकत का अंदाजा लगाकर उसका तोड़ ढूंढने में जुट जाएंगे। है न कमाल की बात ।